अच्छी नींद न आए, तो तमाम कोशिशों के बावजूद मन खुश नहीं रह पाता। इसी के कारण आज हम आपको बताने जा रहे हैं अच्छी नींद आने के उपाय।
मतलब आप जितना अधिक अच्छी नींद से वंचित होंगे, उतना ही अधिक संभावना है कि आप उदास या तनाव महसूस करें।
ऐसा एक शोध में दावा किया गया है। तो अपनी तमाम व्यस्तताओं के बीच क्या करें कि अच्छी नींद से समझौता न करना पड़े।
अलग-अलग शोधों की मानें तो अच्छी नींद की कमी से न सिर्फ एकाग्रता में कमी आती है, बल्कि इससे तनाव के हार्मोन के स्तर में भी वृद्धि होती है।
अच्छी नींद आने के उपाय
कब सोती हैं आप ?
सुबह सात बजे उठना है, रात के 12 ऐसे ही बज वि गए हैं। पर मुझे तो फेसबुक अकाउंट चेक करना है।
अरे, वो जरूरी ई-मेल तो चेक की ही नहीं, जरा वो भी देख लूं।...
ऐसे कई काम आप करेंगी, पर ह सुबह जल्दी उठने के लिए जल्दी सोएंगी नहीं। आपकी भी यही आदत है, तो बदल दीजिए।
सोने का समय तय कर लीजिए और किसी भी हाल में उसी समय पर सोने की कोशिश करें। जल्दी उठने के लिए जल्दी सोने पर ध्यान दीजिए, क्योंकि अच्छी नींद है तो सेहत है और सेहत है तो दूसरे काम भी हैं।
बेडरूम का माहौल हो अच्छा
दिन भर के काम, ऑफिस और फिर बच्चे, इन सबके बीच में एक-दो घंटे ही रिलैक्स करने के लिए मिलते है ।
पर, दिन में आराम करने जाओ, तो बाकी बचे काम की चिंता में ही अच्छी नींद नहीं आती । अगर आपके पास भी सोने के नाम पर भी कुछ घंटे हैं, तो इनका इस्तेमाल कीजिए ।
कमरे में पूरी तरह से अंधेरा करके सोइए, इसके साथ कमरे का व्यवस्थित होना जरूरी है।
अगर तकिये का कवर गंदा है बिस्तर पर गैर-जरूरी सामान पड़ा है और कमरे के कोनों में जाले भी लगे हैं, तो सोने के लिए मिलने वाला समय भी बेकार र हो जाएगा।
इसलिए कमरा हमेशा साफ-सुथरा रखिए।
बेडशीट, दीवारें या फिर कोई शोपीस सबके न सब साफ होंगे, माहौल अच्छा होगा, तो दो घंटे की अच्छी नींद भी आपको रिफ्रेश कर देगी।
नींद अच्छी, तो सेहत अच्छी
ज्यादातर महिलाओं में अच्छी नींद न आने की परेशानी शारीरिक दर्द से शुरू होती है। फिर खट्टी डकारें, थकान और हमेशा बुझा महसूस करना आम हो जाता है।
पर इस पर ध्यान न दिया जाए तो छोटी सी लगने वाली समस्या बड़ी बन जाती है।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. डी. हिमांशु रेड्डी मानते हैं कि मानसिक उलझन डिप्रेशन से होते हुए परेशानी हाइपर टेंशन तक पहुंच जाती है।
दरअसल महिलाओं पर पहले के मुकाबले मानसिक दबाव ज्यादा बढ़ गया है। उन्हें परिवार के रखरखाव और ऑफिस के काम को साथ में मैनेज करना होता है।
इन सबके बीच बने तनाव के कारण, उन्हें नींद से समझौता करना पड़ता है।
और इसका असर उनकी सेहत पर पड़ता है। इतना ही नहीं, मुहांसे और त्वचा का रूखापन भी कम नींद का परिणाम हो सकते हैं।
दरअसल, जब हम सोते हैं तो उस दौरान मस्तिष्क के साथ-साथ त्वचा की भी मरम्मत होती है। जब सोएंगी नहीं, तो यह मरम्मत होगी नहीं और असर आपकी त्वचा पर साफ दिखेगा।
तेज दिमाग के लिए सोएं
एक शोध के मुताबिक, सोने से हमारे मस्तिष्क की कोशिकाएं रिपेयर होती हैं, जिससे हमारी याददाश्त बेहतर होती है, ऊर्जा मिलती है और ईटिंग डिस्ऑर्डर से बचाव होता है।
नींद को समझने के लिए हुए न्यूयॉर्क के रॉस्टर यूनिवर्सिटी में एक शोध किया गया।
इस शोध में शामिल शोधकर्ता डॉ. मेकन नेडर्गार्ड के अनुसार नींद हमारे मस्तिष्क की सफाई ठीक उस तरह से करती है, जिस तरह से वॉशिंग मशीन कपड़ों की सफाई करती है।
यानी जब हम जगे होते हैं उस वक्त हमारे शरीर के संचालन के दौरान मस्तिष्क में कई तरह का कूड़ा इकट्ठा हो जाता है।
इनकी सफाई का काम मस्तिष्क उस समय करता है, जब हम सो रहे होते हैं। इस क्रम में मस्तिष्क में तरल पदार्थ जाते हैं और वे अपने साथ सारी गंदगियों को बाहर ले आते हैं।
इस शोध में इस बात पर भी बल दिया गया है कि अच्छी नींद से अल्जाइमर का खतरा भी कई गुना कम हो जाता है।
अच्छी नींद के लिए क्या करें ?
1. सोने से पहले स्नान :
रात को सोने से पहले स्नान करने से आपकी दिन भर की थकान एकदम से काफूर हो जाएगी और आपको बहुत अच्छी नींद आएगी।
आप चाहें तो अपने नहाने के पानी में कोई खुशबूदार तेल भी मिला सकती हैं। ! इससे आपको सुकून भरी नींद तो आएगी ही, साथ ही एक अलग ही शांति का अनुभव होगा।
2. सोने का एक ही समय निश्चित करें:
उस टाइम टेबल को अपनाएं। इससे आपके शरीर की बायोलॉजिकल घड़ी खुद-ब-खुद काम करने लगेगी और आपकी नींद में खलल भी नहीं पड़ेगा।
3. धूम्रपान और अल्कोहल के सेवन से बचें:
कैफीनयुक्त वस्तुओं और अल्कोहल को न कहें।
दोपहर के बाद कॉफी का एकाध कप लेना बुरा नहीं, पर सोने से ठीक पहले ऐसा न करें।
धूम्रपान भी अच्छी नींद की राह में रोड़ा अटकाने वाली वस्तु है। सोने से पहले कुछ तरल पदार्थ ले सकती हैं, जैसे दूध।
4. देर तक कंप्यूटर या टीवी के सामने न बैठें:
सोने से तकरीबन आधा घंटा पहले टीवी और कंप्यूटर बंद कर दें। देर तक इनके सामने बैठने से सिरदर्द, आंखों में जलन आदि का सामना करना पड़ता है, जो अच्छी नींद में बाधक है।
बेड पर बैठकर टीवी न देखें, इससे नींद बाधित होती है।
5. संगीत थेरेपी:
सोने से पहले संगीत सुनें। वैसे भी कहते हैं कि संगीत के पास हर मर्ज का इलाज है।
सोने से पहले अपनी पसंद का संगीत सुनें।
पर संगीत ईयरफोन से न सुनें।
6. तनाव को बिस्तर पर न लाएं:
दिन भर के किसी तनाव को अपने साथ बिस्तर पर न लाएं। इसके लिए आप एक डायरी बनाएं।
उस पर अपने दिन भर का तनाव लिखें और ये भी लिखें कि कल मैं इस तनाव का हल तलाश लूंगी। इससे भी नींद आने में मदद मिलती है।
अगर कोई तनाव है और अच्छी नींद नहीं आ रही है तो बिस्तर पर लेटकर उसके बारे में न सोचें।
कोई किताब पढ़ें या कुछ ऐसा करें, जिससे आपका ध्यान उससे हट जाए।
चलते चलते
नींद नहीं आने की वजह से आपके साथ कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, इसीलिए अच्छी नींद को सबसे ज्यादा अपने जिंदगी में प्राथमिकता दें।
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