मेडिकल तो हम सभी ने सुना होता है, पर क्या आप जानते हैं कि आखिर यह पैरामेडिकल क्या है ?
पैरामेडिकल क्या है, पैरामेडिकल के क्षेत्र और पैरामेडिकल में कैसे अपना करियर बनाएं इस पर चर्चा करने वाले हैं।
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जितना तेजी से मेडिकल क्षेत्र का विस्तार हो रहा है, उतनी ही तेजी से देश-दुनिया में पैरामेडिकल स्टाफ की मांग बढ़ रही है। महामारी के बाद इस क्षेत्र में कई नई पहल हुई हैं, जिनसे रोजगार के नए अवसर बने हैं।
चिकित्सा क्षेत्र की एक अहम जरूरत है पैरामेडिकल का क्षेत्र। भारतीय पैरामेडिकल स्टाफ की दुनियाभर में, एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में 40 फीसदी से ज्यादा मांग बढ़ने की संभावना है।
महामारी से पहले भारत में १० लाख से ज्यादा पैरामेडिक्स की जरूरत थी।
किसी भी चिकित्सा केंद्र में चिकित्सक के अलावा जितने भी लोग उन्हें उनके काम में सहायता करते हैं, वे पैरामेडिकल स्टाफ के तहत आते हैं।
इनकी भूमिका चिकित्सक की भूमिका से किसी लिहाज में कम नहीं होती, इसलिए इनको सहायक चिकित्सक भी कहा जाता है।
2023 तक देश भर में 12,500 आयुष हेल्थ एंड वेल्थ सेंटर खोले जाने हैं, तो वहीं लगातार नए हॉस्पिटल भी बनाए जा रहे हैं। ऐसे में पैरामेडिकल स्टाफ की मांग भी अब दोगुनी हो गई है।
विदेश की बात करें, तो सिर्फ ब्रिटेन नेशनल हेल्थ सर्विस ही हर वर्ष एक हजार से भी ज्यादा भारतीय पैरामेडिकल स्टाफ को भर्ती करता है।
पैरामेडिकल के कार्य
किसी भी अस्पताल में इमरजेंसी कंडीशन में ज्यादातर पैरामेडिकल स्टाफ ही उपस्थित रहता है। ये इमरजेंसी मेडिकल केयर प्रोवाइडर के रूप में भी काम करते हैं।
- एलाइड हेल्थ केयर वर्कर,
- डेंटल हाइजिनिस्ट,
- डायग्नोस्टिक मेडिकल सोनोग्राफर,
- डाइटिशियन,
- मेडिकल टेक्नोलॉजी,
- फिजिकल थेरेपिस्ट,
- रेडियोग्राफर,
- रेस्पिरेटरी थेरेपिस्ट,
- ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट और
- स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट
इन सभी के रूप में आप इस क्षेत्र का हिस्सा बन सकते हैं।
मेडिकल टेस्टिंग, ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू व उपकरणों से सम्बंधित कौशल भी सिखाए जाते हैं। इस क्षेत्र में आपको आपात स्थितियों के लिए तैयार रहना होगा। कार्य के लंबे घंटे भी कई बार चुनौती पेश कर सकते हैं।
पैरामेडिकल कोर्स कैसे करें
पैरामेडिकल कोर्स में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री, तीनों तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि छह महीने से एक साल, डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो से तीन साल और डिग्री कोर्स की अवधि तीन से चार साल तक होती है।
योग्यता एवं प्रवेश परीक्षा साइंस (पीसीबी) के साथ 12वीं कक्षा में 50 फीसदी अंक हासिल करने वाल छात्र पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं।
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परास्नातक (पीजी) कोर्स में दाखिले के लिए विज्ञान विषय में स्नातक की डिग्री होना जरूरी है। वहीं कुछ सर्टिफिकेट कोर्स ऐसे हैं, जिन्हें 10वीं कक्षा के बाद भी किया जा सकता है।
पैरामेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए छात्र संयुक्त पैरामेडिकल एंड नर्सिंग प्रवेश परीक्षा (CPNET) में भाग ले सकते हैं। इसके अलावा JIPMER, नीट-पीजी (NEET-PG), एमएचटी-सीईटी, नीट-यूजी *(NEET-UG) प्रवेश परीक्षाओं के आधार परनिजी व सरकारी कॉलेजों में सीधा मेरिट के आधार पर भी दाखिला मिल सकता है। कुछ संस्थान एडमिशन के लिए अपना एंट्रेंस एग्जाम भी करवाते हैं।
पैरा मेडिकल के अंतर्गत कौन-कौन से कोर्स आते हैं
पैरामेडिकल के तहत चिकित्सा क्षेत्र के कई तकनीकी व स्किल आधारित काम आते हैं।
सर्टिफिकेट कोर्स :
- एक्स-रे तकनीशियन,
- लैब असिस्टेंट- तकनीशियन,
- डेंटल असिस्टेंट,
- ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट,
- नर्सिंग केयर असिस्टेंट,
- न्यूट्रिशियन एंड चाइल्ड केयर ।
डिप्लोमा कोर्स :
- फीजियोथेरेपी,
- ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी,
- डायलिसिस टेक्नोलॉजी,
- रेडियोग्राफी,
- मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी,
- नर्सिंग केयर असिस्टेंट,
- हियरिंग लैंग्वेज एंड स्पीच एवं
- डिप्लोमा इन आयुर्वेद नर्सिंग
इन जैसे कोर्स डिप्लोमा के अंतर्गत उपलब्ध हैं।
स्नातक कोर्स :
- फिजियोथेरेपी,
- ऑक्यूपेशनल थेरेपी,
- ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी,
- डायलिसिस टेक्नोलॉजी,
- मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी,
- एक्स-रे टेक्नोलॉजी,
- रेडियोग्राफी,
- ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी,
- ऑप्टोमेट्री,
- एनेस्थिसिया टेक्नोलॉजी
इन सभी में आप बीएससी कोर्स कर सकते हैं। ये कोर्स ज्यादा अवसर मुहैया कराएंगे।
पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स :
इसमें
- रेडिएशन टेक्नोलॉजी,
- मास्टर ऑफ मेडिकल
- लैब टेक्नोलॉजी
प्रमुख हैं।
ऑनलाइन कोर्स:
वैसे तो हर स्किल से जुड़े ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हैं, लेकिन यह ऐसा स्किल है, जिसे ऑनलाइन या डिस्टेंस एजुकेशन से करना अवसरों को बेहद सीमित कर देगा।
पैरामेडिकल के बाद क्या करें ?
पैरामेडिकल के कोर्स के बाद आप निम्न कार्यों में अपना भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
- फिजियोथेरेपी,
- मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट,
- डायलिसिस,
- ऑक्यूपेशनल थेरेपी,
- रेडियोलॉजी,
- प्रोस्थेटिक एवं
- आर्थोटिक इंजीनियरिंग
आदि के क्षेत्र अपने लिए चुन सकते हैं।
अस्पतालों से लेकर नर्सिंग होम और प्राइवेट क्लिनिक तक, सभी जगह पैरामेडिकल स्टाफ की भारी डिमांड रहती है।
पैरामेडिकल की पढ़ाई कर सरकारी और निजी संस्थानों में नौकरी कर सकते हैं। किसी लैब में या डॉक्टर के निजी क्लिनिक से भी जुड़ सकते हैं या अपना खुद का काम भी शुरू कर सकते हैं।
- फिजियोथेरेपिस्ट,
- लेबोरेटरी टेक्नीशियन,
- एम.आर.आई. टेक्नीशियन,
- रेडियोलॉजी असिस्टेंट,
- एंबुलेंस असिस्टेंट,
- डेंटल असिस्टेंट,
- ऑपरेशन असिस्टेंट
आदि जैसे पदों पर नियुक्ति मिल सकती है।
पैरामेडिकल की सैलरी
पैरामेडिकल के क्षेत्र में वेतनमान आपके किए गए कार्य और अनुभव तथा आपकी योग्यता पर निर्भर करता है।
शुरुआत में 12 से 25 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से मिल जाते हैं। अनुभव के आधार पर इसमें वृद्धि होती जाती है। विदेशों में पैरामेडिकल स्टाफ का पैकेज बहुत आकर्षक होता है।
पैरामेडिकल के प्रमुख संस्थान
1. दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, दिल्ली
4. एम्स
5.आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज, पुणे
6. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी
7. प्रोस्थेटिक्स एंड ऑर्थोटिक्स, सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली
8. राजीव गांधी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली
चलते चलते
इन सभी चीजों को जाने के बाद अगर आपको पैरामेडिकल से संबंध है कोई भी सवाल से रह गया हो तो अपनी टिप्पणी कर कर पूछ सकते है।
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